वो जो बदल गए

 तुम ऐसे तो कभी नहीं थे

तुझे तो मैंने बड़े करीब से देखा है।

अचानक तुम इतना बदल क्यों गए!

क्या हुआ तुझे, और हार क्यों गए ?

             पूछना तो नहीं चाहता मैं

             पर मेरी भी कुछ मज़बूरी है।

             समझते आया हूं तुझे अपना

             इसलिए पूछना भी जरूरी है।

तूने देखा है न बाबा-मां को

जिसके दिल में सभी समाए हैं।

काले हो या गोरे, चाहे धर्मी या अधर्मी

तभी तो सब उसके गुण गाए हैं।

             गुण तो तेरे भी सबने गाए हैं

             विश्वास नहीं तो देखो मंदिरों में।

              तुम्हारे जप-तप के लिए तो

             कई जंगल गए तो कई कंदरों में।

आज तू मुझसे पूछ, अपनी कहानी

मैं तुम्हारे वो सारे राज़ बताऊंगा।

सबकुछ जानकर भी छिपा लेता जो 

वो तेरी गलतियाँ तुझे ही सुनाऊंगा।

            आज जो तुम ईश्वर दूर हो

             क्या हुआ जो दूर हो गए?

            माया इतनी तो प्रबल नहीं

            जो झुकने को मजबूर हो गए!

आज तुझे वो लोग पसंद हैं

जो तेरे लायक बातें करते हैं।

जो तुझसे हंसते और बहलते हैं

जो बाबा के दिल में नहीं पलते हैं।                 

           मानता हूं दुनिया तुझे पसंद करती है 

        ईश्वर भी तुझे पसंद करता है।            

           ईश्वर का बनकर तुम यूं न बदल जाओ

          मेरी मानो तुम फिर से चले आओ।     




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